फरीदाबाद में अवैध निर्माण रूकने का नाम नहीं ले रहे। हालांकि नगर निगम का कार्यभार संभाल रहे डीसी यशपाल यादव ने अवैध निर्माण व अतिक्रमण को लेकर अपना रूख सख्त ही रखा है, इसके बावजूद तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारी अवैध निर्माणों से प्रतिदिन लाखों रुपए की उगाही कर रहे हैं। यदि ऐसा ना होता तो शहर में अवैध निर्माण भी होते दिखाई नहीं देते। ताजा मामला एनआईटी नंबर-5B/43 और 5H/52 के दो बड़े अवैध निर्माणों को लेकर सामने आ रहा है। इन अवैध निर्माणों को धड़ल्ले से एक सरदार जी द्वारा करवाया जा रहा है

गौरतलब है की कई फाइनेंसर और सरदार जी इन अवैध निर्माणों में पार्टनर है और यह भी पता चला है को उक्त सरदार जी शहर के सभी अवैध निर्माणों का ठेका लेते है चर्चा ये है की इन दुकानों की डील नगर निगम के एक अधिकारी के साथ 8 लाख रुपए में तय हुई है । यानि कि तोडफ़ोड़ विभाग के अधिकारी 8 लाख रुपए की डील करने के बाद ही इन अवैध दुकानों को बनने दे रहे हैं? यह मामला अभी तक उपायुक्त यशपाल यादव की जानकारी में भी नहीं है। यही वजह है कि इन दोनों अवैध निर्माणों को बनने दिया जा रहा है।
हैरत की बात है कि निगम का उच्च प्रशासन इन अवैध निर्माणों के प्रति चुप्पी साधे हुए है। हालांकि तोडफ़ोड़ विभाग में एसडीओ और बिल्डिंग इंस्पेक्टर की यह जिम्मेदारी है कि वह शहर में होने वाले अवैध निर्माणों पर लगाम कसें। मगर जब बाढ़ ही खेत को खाने लगे तो कोई क्या कर सकता है। यह दोनों अधिकारी भी इन अवैध निर्माणों को लेकर आंखें बंद किए बैठे हैं। अब इनका यह रवैया क्यों है, इसे बताने की जरूरत नहीं है। लोग अपने आप ही समझ सकते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। हालांकि यह देखना है की खबर छपने के बाद डीसी यशपाल यादव इन दुकानों को JCB से तुड़वाते है या सरदार जी की यह बात सच निकलती है की नगर निगम के अधिकारी इनकी जेब में है।