Faridabad News (citymail news) सोशल मीडिया (फेसबुक और व्हाट्सएप )में आए दिन वायरल हो रही झूठी खबरें पत्रकारिता तथा समाज के लिए आज चुनौती बन चुकी है| पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया पर फैली झूठी खबरों की वजह से देश में कई जगहों पर दंगे भी हुए हैं| जब तक खबरों की सही प्रकार से मूल्यांकन नहीं किया जाएगा तब तक इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाना संभव नहीं है|
उक्त विचार डीएवी शताब्दी कॉलेज के जनसंचार विभाग अध्यक्ष एवं गूगल द्वारा सर्टिफाइड फैक्ट चैकर रचना कसाना ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (प्रचार विभाग) द्वारा ऑनलाइन कार्यशाला के दौरान व्यक्त किए। रचना कसाना ने इस अवसर पर कहा कि लोगों की सोच में बदलाव लाने के लिए आज सोशल मीडिया को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली झुटी फोटोस वीडियो की सत्यता की जांच किए बिना हम आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। जिसके कारण अनेक बार समाज का वातावरण दूषित हो चुका है। सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ अपने मन मुताबिक कैप्शन लिखकर फॉरवर्ड कर दिया जाता है। आम आदमी व युवा उन पर विश्वास कर लेते हैं की सोशल मीडिया से उन्हें जो खबरें मिल रही है वह सब सही है गलत जानकारी की वजह से लोग बहुत जल्दी गुमराह हो जाते हैं
कार्यशाला में कसाना ने समझाया कि गूगल क्रोम मैं गूगल रिवर्स इमेज सर्च इत्यादि के प्रयोग से फोटो और वीडियो की सत्यता को किस प्रकार जांच किया जा सकता है टाइम टूल के जरिए पता लगाया जा सकता है कि वह फोटो कब खींची गई । ऑब्जर्वेशन के जरिए सही गलत का पता लगाया जा सकता है
कार्यक्रम का ऑनलाइन संचालन संघ के फरीदाबाद विभाग, सोशल मीडिया प्रमुख दीक्षांत शर्मा ने किया |संघ के विभाग प्रचारक प्रमुख माधव पत्रकार, संपर्क प्रमुख राजेंद्र गोयल बल्लमगढ़, जिला प्रचार प्रमुख बलवंत फैजाबाद महानगर, पूर्व प्रमुख जयपाल सिंह तथा फरीदाबाद महानगर पश्चिम के प्रचार प्रमुख डॉ उमेश चंद्र सहित कुल 31 लोगों ने कार्यशाला में भाग लिया