नगर निगम फरीदाबाद इन दिनों चीफ इंजीनियर के तबादले और घोटालों की वजह से खासा सुर्खियों में है। कहा जा रहा है इन घोटालों को बिना बात हवा दी जा रही है, जबकि असल में ऐसा कुछ है नहीं। पिछले दिनों खबर फैलाई गई कि निगम में 30 करोड़ रुपए के कामों की एवज में 80 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। इसी के साथ अफवाह उड़ाई गई कि निगम में बिना काम के भी करोड़ों रुपए की पेमेंट कर दी गई। ऐसे ही तमाम मामलों को लेकर शहर के आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित कुमार ने तत्कालीन कमिश्नर डी सुरेश के कार्यकाल से लेकर मौजूदा आयुक्त यश गर्ग तक के समय के दौरान ठेकेदारों को किए गए भुगतान को लेकर एक आरटीआई दायर की है।
रोहित कुमार का कहना है कि इस तरह की भ्रामक खबरों से फरीदाबाद की छवि खराब हो रही है। इस शहर को घोटालेबाजों की नजर से देखा जाने लगा है। इसलिए उन्होंने फैसला लिया है कि वह तत्कालीन आयुक्त डी.सुरेश के कार्यकाल से लेकर अब तक जितने भी आयुक्त नगर निगम में रहे हैं, उनके दौरान फरीदाबाद में जितने भी विकास कार्य हुए और उनका भुगतान किया गया, उन सभी का पूरा विवरण इस आरटीआई के माध्यम से उजागर करना चाहते हैं।
रोहित कुमार का कहना है कि आटे में नमक जितना भ्रष्टाचार हर विभाग में है, मगर नगर निगम फरीदाबाद को जानबूझकर कुछ लोग बदनाम करना चाह रहे हैं। इसलिए उन्होंने यह बीड़ा उठाया है कि वह सभी आयुक्तों के कार्यकाल में हुए कार्य और उनके भुगतान की जानकारी आम जनता के सामने लाएं। रोहित कुमार ने कहा है कि इस आरटीआई की जानकारी आने के बाद वह एक प्रेसवार्ता भी करेंगे और जो भी सच्चाई होगी, इस शहर के सामने लाकर रहेंगे।