सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक एडवाजइजरी जारी करते हुए कहा कि कोई भी प्राइवेट टीवी चैनल आॅनलाइन गेमिंग के विज्ञापन में 18 साल से कम आयु वर्ग वाल बच्चे के विज्ञापन को ना दिखाएं. विज्ञापनों में वित्त्यि जोखिम को शामिल ना करें. सरकार ने इन चैनलों के मालिक को कहा है कि, ‘टीवी पर कोई भी वैसा विज्ञापन ना दिखाया जाए जिसमें खेलने पर पैसा मिलता हो और पैसा कमाने के बारे में बताया गया हो. सरकार के ये निर्देश 15 दिसंबर से पूरी तरह लागू हो जाएंगे.
एडवाइजरी के अनुसार गेमिंग विज्ञापन में अब एक डिस्केलमर दिखाना जरूरी होगा, इस डिस्केलमर में दिखाया जाएगा कि गेेम के जरिए पैसा कमाना आपकी आदत में शामिल हो सकता है. हम इसका समर्थन नहीं करते हैं. आप अपनी जिम्म्ेादारी के साथ ऐसे गेम खेलें. सरकार ने कहा है कि डिस्केलमर को 20 मिनट से कम समय नहीं दिया जा सकता है. मंत्रालय ने गेमिंग कंपनी के विज्ञापनों को फटकार लगाते हुए कहा कि अपना पैसा बनाने के लिए आप लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं.
सरकार ने कहा कि असली पैसा कमाने के लिए, गेेमिंग के जरि,ए पैसा कमाने को करियर विकल्प नहीं बताया जा सकता है. सरकार के इस नियम से लोग अब धोखाधड़ी से बच सकगें खेल से होने वाले वित्तिय जोखिमों से अब आसानी से बचा जा सकगें. मंत्रालय ने कहा है कि टीवी पर फैंटेसी स्पोटर्स और गेमिंग विज्ञापनों की भरमार हो रही है, जो कि भ्रामक प्रतीत हो रहे हैं. गेमिंग विज्ञापनों पर रोक लगाना जरूरी हो गया है. कोई भी गेमिंग ऐप लोगो को पैसा कमाने के लिए, प्रोत्साहित नहीं कर सकते हैं.