आंध्र प्रदेश के रहने वाले 23 वर्षीय इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मधु वाजेरकर ने लोगों के लिए एक ऐसी टरबाइन तैयार की है, जो बिजली और स्वच्छ पेयजल दोनों तैयार करती है. मधु ने बताया कि मेरा जन्म और पालन—पोषण वज्रकरूर गाँव में हुआ है. इस गांव में पानी का प्रमुख स्त्रोत बोरवेल और वाटर टैंकर है, बोरेवल से लाए गए पानी को गर्म करके प्रयोग में लाया जाता था. कम बारिश होने की वजह से भूजल में पानी की कमी हो जाती थी जिसके कारण हमें खरीद कर पानी पीना पड़ता था. मेरे पिता एक मामूली किसान थे इसलिए हम पानी नहीं खरीद पाते थे, हमें पड़ोसियों से पानी मांग कर अपनी प्यास बुझानी पड़ती थी. ये टरबाइन बनाने का निर्णय मैंने इसी समस्या को देखते हुए लिया. मेरे द्वारा तैयार किया गया ये टरबाइन
पानी की इसी समस्या को देखते हुए मैंने इस घर के पास टरबाइन लगाने का निर्णय लिया. 15 फुट लंबा ये टरबाइन वातावरण से नमी इकट्ठा करता है. इसमें पानी के लिए फिल्टर भी लगा हुआ है. मधु ने बताया कि उन्होंने 15 दिन के अंदर ये टरबाइन तैयार कर दिया है. इसे बनाने में उन्हें केवल 1 लाख का खर्चा आया है. आर्किमिडीज़ ग्रीन एनर्जी के संस्थापक सूर्यप्रकाश गजाला का कहना है कि मधु का ये प्रयास बेहद सराहनीय है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में सूखे का संकट आ गया है. जिसके कारण 2030 तक देश में पानी का अकाल सा पड़ जाएगा. भारत की आधी से ज्यादा जनसंख्या को स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है. साफ पानी पीने के लिए नहीं मिल पाने के कारण भारत में हर साल 2 लाख लोग मर रहे हैं.
source-the better india