New Delhi: ज्यादा पैसा कमाना आज के दौर में सभी की इच्छा है, और इसमें कोई बुराई भी नहीं है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बिना पैसे खर्च किए अपने शौक को रोजाना पूरा कर रहा है। इस काम में न तो उसे कोई मेहनत करनी पड़ी रही है और न ही किसी संसाधन का इस्तेमाल। यह शख्स मुंबई के रहने वाले हैं और इनका नाम है राकेश। अंधेरी इलाके में यह एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। इस दुकान से ही वह अपना गुजारा चलाते हैं। दुकान इनकी किसी चाय समोसे की नहीं बल्कि किताबों की है। इस किताब की दुकान पर एक नहीं बल्कि कई दर्जन किताबों का भंडार है। जहां प्रेमचंद्र सहित कई विशेष व्यक्तित्व के लोगों की आत्मकथा रखी गई है। खास बात यह है कि राकेश लोगों को यह किताब महज 10 रुपये में दे देते हैं। राकेश बताते हैं कि उनकी दुकान पर पुरानी किताब रखी गई है, जो किताब पढऩा चाहते हैं उन्हें वह 10 रुपये के किराए पर देते हैं।
छात्रों को इस दुकान से हो रहा है फायदा
कई ऐसे छात्र भी होते हैं, जो पैसे की तंगी के कारण नई किताब नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में राकेश की दुकान उनके लिए एक वरदान साबित हो रही है। यहां छात्र अपनी पसंद की किताब को महज 10 रुपये के किराए पर किताब लेते हैं, और पढऩे के बाद वापस कर देते हैं। इस कड़ी से निर्धन छात्रों तक भी ज्ञान पहुंच जाता है।
क्या कहते हैं राकेश
अंधेरी इलाके में पुरानी किताबों की दुकान चलाने वाले राकेश कहते हैं कि लोगों का शौक ज्यादा पैसा कमाना है। लेकिन मेरा शौक किताब पढऩा है, जिसके लिए मुझे ज्यादा पैसे कमाने की जरूरत नहीं है। मैं दुकान पर किताबे पढ़ लेता हूं। जिससे मेरा शौक पूरा हो जाता है। हां. इतने पैसे जरूर कमा लेता हूं, जिससे मेरा गुजारा चल जाता है।