
Faridabad News (citymail news ) सेक्टर 65 शाहपुरा रोड स्थित आशा ज्योति विद्यापीठ शिक्षण संस्थान का इस साल का दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम न केवल 100 प्रतिशत रहा बल्कि विद्यालय के अधिकतर छात्रों ने 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर अपने विद्यालय के तथा अभिभावकों का नाम रोशन किया स्कूल के छात्र रिद्धि सिंह ने 95 प्रतिशत अंक प्राप्त कर संस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस विषय में अधिक जानकारी देते हुए स्कूल की प्राचार्य श्रीमती इंदु अग्रवाल ने बताया कि आशा ज्योति विद्यापीठ का यह दसवीं कक्षा का दूसरा रिजल्ट है लेकिन जिस प्रकार से बच्चों ने इस परीक्षा परिणाम में अपनी प्रतिभा को दर्शाया है वह निश्चित तौर पर स्कूल प्रबंधन तथा बच्चों के अभिभावकों के लिए एक अच्छा संकेत है।
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छात्र छात्राओं तथा अभिभावकों को बधाई भी दी
श्रीमती इंदु अग्रवाल के अनुसार स्कूल के अधिकतर छात्र छात्राओं ने अभी तक का अपना बेहतर प्रदर्शन किया है तथा उनको उम्मीद है कि आगे भी उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी छात्र छात्राओं तथा अभिभावकों को बधाई भी दी है। उल्लेखनीय है कि आशा ज्योति विद्यापीठ शिक्षण संस्थान का यह दूसरा बेंच है जो इस वर्ष दसवीं की परीक्षा पास कर रहा है। इस वर्ष सीबीएसई बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में स्कूल के छात्र सुजाता उज्जवल सिंह अमन सारा चौधरी अनीश कार्तिकेय तनिक हर्षित तथा आदित्य ने शुरू के 10 स्थानों पर अपना कब्जा जमाया है।
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ताकि स्कूल के छात्र छात्राएं और बेहतर परिणाम ला सकें।
स्कूल के चेयरमैन सत्यवीर डागर ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है तथा श्री डागर ने कहा है कि जिस प्रकार से स्कूल के छात्र छात्राओं ने परीक्षा परिणाम दिया है उसके लिए बधाई के पात्र हैं तथा उनका यह प्रयास होगा की शिक्षण संस्थान सभी छात्र छात्राओं को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएं ताकि स्कूल के छात्र छात्राएं और बेहतर परिणाम ला सकें। उल्लेखनीय है कि आशा ज्योति विद्यापीठ शिक्षण संस्थान अपने आप में जिले का ऐसा संस्थान है जहां पर प्राकृतिक वातावरण में बच्चों को आधुनिक एवं मौलिक शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण की शिक्षा भी दी जाती है असल में आशा ज्योति विद्यापीठ संस्थान का लगभग 10 एकड़ में फैला केंपस पूरी तरह से प्रकृति से जहां ओतप्रोत है वही संस्थान के भवन को भी इस प्रकार से डिजाइन किया गया है की प्रत्येक बच्चे को प्राकृतिक वातावरण का अनुभव सीधे तौर पर हो सके ।