Rohtak News (citymail news ) हरियाणा के रोहतक से एक बड़ी खबर आ रही है। कोरोना वायरस को समाप्त करने के लिए बनाई गई वैक्सीन हरियाणा पहुंच गई है। रोहतक के पीजीआई मेडीकल कॉलेज में शुक्रवार को कोरोना के लिए बनाई गई वैक्सीन का मानव शरीर पर परीक्षण किया गया है। इसकी जानकारी खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक टवीट के जरिए लोगों को दी है। इस वैक्सीन का जानवरों पर किया गया परीक्षण सफल पाया जा चुका है। इसके बाद अब इस वैक्सीन का परीक्षण मानव शरीर पर शुरू हो चुका है।
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शुक्रवार को हुआ मानव परीक्षण-
इस कड़ी में ही शुक्रवार को पीजीआई मेडीकल कॉलेज में तीन लोगों पर इसका परीक्षण किया गया है। श्री विज के अनुसार इस दवा का कोई साईड इफेक्ट नहीं हुआ है। बता दें कि पीजीआई कॉलेज देश के उन 13 चुनिंदा केंद्रों में शामिल है, जिसे कोरोना वैक्सीन की ट्रायल के लिए चुना गया है।
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इस कंपनी ने बनाई है कोरोना वैक्सीन-
हैदराबाद की कंपनी भारत बॉयोटेक ने इस वैक्सीन को बनाया है। आईसीएमआर की अनुमति के बाद देश भर के 13 मेडीकल कॉलेजों में इस दवा का युद्वस्तर पर मानव परीक्षण का कार्य चल रहा है। इससे पहले जानवरों पर इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। विज ने कहा कि हरियाणा के रोहतक पीजीआई अस्पताल को इस दवा के परीक्षण के लिए चुनना बहुत गर्व की बात है। उनके अनुसार परीक्षण के इस दौर में पहले तीन स्वस्थ लोगों को चुना गया है। उन्हें यह टीका लगाया जा चुका है, जिसका अभी तक कोई साईड इफेक्ट सामने नहीं आया है। इस वैक्सीन को बनाने में भारत बॉयोटक के साथ वैक्सीन इंडियन काऊंसिल आफ मेडीकल रिसर्च (आईसीएमआर) व नेशनल इंस्टीयूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे का बड़ा सहयोग रहा है। इन तीनों ने मिलकर इस वैक्सीन को बनाया है। इसके प्री क्लीनिक अभी तक सफल रहे हैं। अब देश के सभी संस्थानों में इस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है।
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ट्रायल के एक साल बाद आएगा टीका-
इस प्रमुख ट्रायल के लिए रोहतक के पीजीआईएमएस के प्रोफेसर डा. सवित, प्रिंसीपल जांच कोविड-19 के नोडल आफिसर डा. धु्रव चौधरी, तथा डा. रमेश वर्मा को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। डा. सविता ने बताया कि इस दवा का जानवरों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है। अब मानव शरीर पर इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है। लेकिन इसके रिजल्ट आने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है। यदि इससे पहले ही परिणाम अच्छे आ गए तो फिर इसे आम आदमी को उपलब्ध करवाने की दिशा में काम आरंभ कर दिया जाएगा। उनके अनुसार दवा के परीक्षण हेतु पहले चरण में 375 तथा दूसरे चरण में 750 लोगों को शामिल किया गया है।
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ये देश भी बना रहे हैं दवा-
बता दें कि भारत के इस प्रयास का पूरे विश्व में आश्चर्यचकित होकर देखा जा रहा है। भारत उन देशों में शामिल हो गया है, जोकि कोरोना की वैक्सीन बनाने में शामिल हैं। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन, रूस व चीन जैसे देश इस दिशा में बहुत आगे निकल आए हैं। मगर जिस तरह से भारत ने बहुत तेजी से इस वैक्सीन का निर्माण किया है, उसे लेकर पूरे विश्व में सराहना भी मिल रही है। माना जा रहा है कि इस वैक्सीन को जल्द ही लोगों को समर्पित किया जा सकता है।