Faridabad News (citymail news ) फरीदाबाद में कोरोना मरीज व उनसे संबंधित जानकारी देने वाले लोगों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए जो हेल्प लाईन नंबर जारी किए हैं, वह असल में काम ही नहीं कर रहे। इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है। एक ओर पूरा देश जी जान से कोरोना महामारी से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद में कोरोना मरीजों को धोखा दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार हर दिन कोरोना की रोकथाम को लेकर तमाम घोषणाएं व दावे कर रही है, मगर जमीन पर इन घोषणाओं की धज्जियां उड़ रही हैं।
ये है हैल्प लाईन सेंटर की स्थिति-
ताजा मामला जुड़ा है फरीदाबाद में हेल्पलाईन सेंटर में रखे गए फोन नंबरों से। स्वास्थ्य विभाग हर रोज लोगों को मीडिया के माध्यम से तीन फोन नंबर जारी कर कोरोना मरीजों की जानकारी देने की घोषणा करता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की करतूत सुनकर आप दंग रह जाएंगे। जो फोन नंबर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए हैं, असल में वह ठप्प पड़े हुए हैं। उनमें से एक नंबर पूरी तरह से बंद है तो बाकि दो नंबरों पर केवल कोरोना की रिकार्डिंग ही बजती रहती है, मगर फोन उठाने वाला कोई नहीं है। प्रशासन ने तीन फोन नंबर जारी किए हैं। ये फोन नंबर जारी कर प्रशासन द्वारा कोरोना संदिगध एवं कोरोना मरीजों की जानकारी मांगी जाती है।
ये हैं हैल्प लाईन सेंटर के फोन नंबर-
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ये तीन फोन नंबर 0129-2415623, 0129-2221000 तथा 1950 जारी किए गए हैं। प्रतिदिन इन नंबरों की जानकारी देकर कोरोना मरीजों के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध करवाने की बात कही जाती है। मगर हैरत की बात है कि ये तीनों फोन नंबर ही काम नहीं कर रहे। पहला नंबर पूरी तरह से बंद है। बाकि दोनों फोन नंबरों पर कोरोना की रिकार्डिंग सुनाई देती है और बाद में फरीदाबाद हेल्पलाईन नंबर पर आपका फोन ट्रांसर्फर करने की जानकारी आपको दी जाती है। मगर दूसरी ओर इन नंबरों को कोई उठाता ही नहीं है। आप फोन पकडक़र इस उम्मीद में बैठे रहेंगे कि हैल्पलाईन सेंटर में कोई आपका दुखड़ा सुनने के लिए फोन उठाएगा, मगर आपकी उम्मीद उस समय निराशा में बदल जाएगी, जब दूसरी तरह कोई फोन ही नहीं उठाता। इससे आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग फरीदाबाद में कोरोना बीमारी को लेकर कितना गंभीर है। हालांकि आम जनता से तो प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग उम्मीद करता है कि वह जागरूक बनें, सोशल डिस्टेंट रखें, मास्क पहनें, कानून के अनुसार चलें, मगर जब बात खुद की आती है तो उनके तमाम नियम,कायदे कानून व वायदे टांय-टांय फिस्स साबित होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वास्थ्य विभाग का हेल्पलाईन सेंटर है, जहां लोगों की समस्या सुनने के लिए कोई उपलब्ध नहीं है। हैरत की बात है कि सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।