New Delhi News (citymail news ) उत्तर प्रदेश में लॉकडाऊन के साथ ही दिल्ली व हरियाणा की सीमाओं को सील कर दिया गया है। इससे लोगों को परेशानी तो हुई,मगर यूपी सरकार ने दो दिन पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी। शुक्रवार रात दस बजे से सोमवार सुबह पांच बजे तक पूरे उत्तर प्रदेश में यह लॉकडाऊन लागू रहेगा। इसके लिए यूपी सरकार ने वीरवार को ही इस बात से पूरे देश को अवगत करवा दिया था। बता दें कि उत्तर प्रदेश से दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल सहित कई राज्यों की सीमाएं लगी हुई हैं। प्रतिदिन यूपी से अन्य प्रदेशों के लिए आने जाने वाले लोगों की संख्या लाखों में हैं।
यूपी में नौकरी व अन्य व्यवसाय करने के लिए भी आने वालों की संख्या काफी अधिक है। लेकिन यूपी की योगी सरकार ने अपने प्रदेश में कोरोना के बढ़ती रफ्तार को रोकने के लिए शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक सख्त लॉकडाऊन की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश में तेज रफ्तार से कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इस चेन को तोडऩे के लिए ही योगी सरकार ने पुन: लॉकडाऊन का फार्मूला प्रयोग करने का मन बनाया है। हालांकि योगी सरकार आरंभ से ही कोरोना मामलों को लेकर गंभीरता दिखा रही है। जिसके चलते यूपी में काफी हद तक कोरोना पर अंकुश लग पाया है। इसके बावजूद पूरे प्रदेश में कई जगहों पर हर रोज कोरोना के नए नए मामले निकलकर सामने आ रहे हैं। यूपी में सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब एक हजार लोगों की मौत भी हो चुकी है तथा करीब हजारों की संख्या में कोरोना केस भी हैं। इसके चलते ही यूपी सरकार ने दो दिन का सख्त लॉकडाऊन लागू करने का निर्णय लिया है। यूपी सरकार का मानना है कि इस निर्णय से प्रदेश में कोरोना सक्रंमण का फैलाव रोकने में काफी हद तक सफलता मिल सकती है। इसलिए वहां लॉकडाऊन का निर्णय लिया गया है।
हरियाणा में भी लॉकडाऊन की वकालत और विरोध-
यूपी की इस कार्यप्रणाली को देखते हुए हरियाणा में भी अधिकांश लोग फिर से लॉकडाऊन की वकालत करने लगे है। लोग सोशल मीडिया पर लॉकडाऊन लगाने की अपील कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि हरियाणा में भी कोरोना की चेन तोडऩे के लिए लॉकडाऊन लगाया जाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर लोग लॉकडाऊन का विरोध भी कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि लॉकडाऊन लगाने की बजाए कोरोना के प्रति जागरूकता लाना बेहद जरूरी है। कोरोना को लॉकडाऊन से नही बल्कि जागरूकता व मास्क पहनकर हराया जा सकता है। उनका कहना है कि सोशल डिस्टेंस इसका सबसे बड़ा हथियार है। लॉकडाऊन की वजह से काम धंधे ठप्प होने का नुक्सान भी झेलना पड़ रहा है। इसलिए लॉकडाऊन की बजाए जागरूकता की नीति पर चलना अधिक बेहतर है।