दिल्ली, फरीदाबाद , नाोएडा, गुरूग्राम सहित कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस होने से लोगों में हडकंप मच गया है। भूकंप का केंद्र बिंदु राजस्थान का अलवर शहर रहा। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 रही। भूकंप आते ही लोगों में दहशत फैल गई। भूकंप का लेवल जमीन से 5.3 किलोमीटर नीचे रहा। बता दें कि पिछले एक महीने के भीतर ही एक दर्जन बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। हालांकि इनसे अभी तक किसी प्रकार के जान माल का नुक्सान नहीं हुआ है। लेकिन जिस तरह से दिल्ली एनसीआर में भूकंप के आने की रफ्तार बढ़ रही है, उससे लोग चिंताग्रस्त जरूर है। वैसे भी बता दें कि दिल्ली एनसीआर को डार्क जोन में शामिल किया जा चुका है। जिस तरह से दिल्ली व आसपास के इलाकों में भूकंप आ रहे हैं, वह भविष्य में किसी खतरनाक संकेत की ओर इशारा कर रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार भूजल व जमीनों का दोहन हो रहा है। जमीनों से लगातार पानी का दोहन हो रहा है और जमीनों पर जिस कदर आबादी का बोझ बढ़ रहा है, वह भी चिंता के स्तर बढ़ाने के बराबर ही है। आबादी का बढ़ता घनत्व भी इस क्षेत्र में बार बार आ रहे भूकंप की एक बड़ी वजह कही जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होने के चलते ही आसपास के क्षेत्रों को डार्क जोन में शामिल किया जा चुका है। शुक्रवार की शाम को करीब 7 बजकर 48 सैकेंड पर आए भूकंप से लोग अपने घरों में बैठकर बुरी तरह से घबरा गए। लोगों में शोर मच गया और वह अपने घरों से बाहर निकल आए। याद रहे कि इससे पहले आए भूकंप हालांकि अधिक तीव्रता लिए हुए नहीं थेे, मगर इससे लोगों में दहशत तो व्याप्त हो ही गई थी। एक दर्जन से अधिक बार आए भूकंप ने मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है। लोग एक बार सोचने पर जरूर विवश हो गए हैं कि आखिर एक साथ मानव जीवन पर संकट क्यों आ रहे हैं। अभी लोग कोरोना के कहर से ही नहीं उभर पा रहे हैं, ऊपर से भूकंप के लगातार आ रहे झटकों ने लोगों को बैचेन कर दिया है। लोगों का मानना है कि प्रकृति इशारा कर रही है कि अभी भी संभलने का समय है।