Jaipur News (citymail news ) कोरोना महामारी के बीच धोखाधड़ी करके लोगों से विश्वासघात के जरिए करोड़ों रुपए कमाने की नीयत के आधार पर योग गुरू रामदेव, आचार्य बालकृ ष्ण सहित पांच लोगों के खिलाफ जयपुर में अलग अलग जगह मुकदमें दर्ज किए गए हैं। इन दोनों के साथ साथ पतंजलि रिसर्च सेंटर के विज्ञानी अनुराग वाष्र्णेय, जयपुर नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ मेडीकल साईंस निम्स यूनिवसिर्टी के चेयरमैन डा. बीएस तौमर तथा उनके पुत्र अनुराग तौमर के खिलाफ दो अलग अलग पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज हुई है। इन दोनों थानों में दर्ज रिपोर्ट में सभी पर धोखाधड़ी व षडयंत्र सहित कई आरोप लगाए गए हैं। वहीं दूसरी ओर राजस्थान चिकित्सा विभाग ने पतंजलि व दिव्य फार्मेसी के उत्पादों की जांच करवाने का निर्णय लिया है। बता दें कि रामदेव व बालकृष्ण सहित सभी आरोपियों के खिलाफ एक मुकदमा जयपुर के ज्योतिनगर पुलिस थाने में दर्ज हुआ है। जयपुर निवासी तथा पेशे से वकील बलराम जाखड़ द्वारा यह मुकदमा दर्ज करवाया गया है। इस एफआईआर में कहा गया है कि योगगुरू रामदेव, बालकृष्ण व बीएस तौमर सहित सभी आरोपियों ने षडयंत्र के जरिए कोरोनिल नामक दवा को कोरोना की दवा बताकर प्रचार किया है। जोकि सीधे तौर पर ना केवल जघन्य अपराध है,बल्कि महामारी एक्ट का सीधा सीधा उल्लघंन भी है। महामारी एक्ट के अनुसार सरकार व इंडियन काऊॅसिंल ऑफ मेडीकल साईंस की अनुमति के बिना ना तो कोई इस प्रकार की दवा बना सकता है और ना ही ऐसा प्रयास कर सकता है। जाखड़ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, औषधि और चमत्कारिक उपचार अधिनियम 1954 की धारा 4 व 7 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया है। ज्योतिनगर पुलिस के थानाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि कोरोनिल के भ्रामक प्रचार के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। अब पुलिस पतंजलि व निम्स में जाकर जांच करेगी। दूसरी एफआईआर गांधी नगर पुलिस थाने में डा. संजीव गुप्ता द्वारा दर्ज करवाई गई है। इस मामले के जांच अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। बता दें कि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर ही कोरोना के कम लक्षण अथवा बिना लक्षण वाले मरीजों को निम्स अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। बाबा रामदेव व अन्य ने इसी अस्पताल में भर्ती रोगियों पर दवा का क्लिनिकल परीक्षण करने की बात कही थी।
कोरोनिल पर सख्त हुई राजस्थान सरकार
कोरोनिल की बिक्री पर रोक लगाने के बाद राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा ने फिर कहा है कि बाबा रामदेव ने अपराध किया है। सरकार की बिना स्वीकृति के दवा का परीक्षण किया है, जोकि पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पडऩे पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यदि राजस्थान में दवा बिकी तो बाबा रामदेव को जेल भेज दिया जाएगा। चिकित्सा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले की जल्द से जल्द और सख्त से सख्त जांच करें तथा निम्स के मेडीकल कॉलेज से जवाब तलब करें। उन्होंने बताया कि अभी तक कानूनी नोटिस नहीं दिया गया है और स्पष्टीकरण जरूर मांगा गया है।